शनिवार, 22 सितंबर 2012

किस्मत के धनी
घरजमाई


कुछ लोगों को दुनिया भर के ऐशो-आराम अपने परिवार से विरासत में मिले होते हैं तो कुछ वो भी है जिन्हें चांदी का चम्मच चाहे विरासत में न मिला हो लेकिन देश के जाने-माने उद्योगपतियों की बेटियों से शादी करने के बाद जो दौलत और शोहरत इन्हें हासिल हुई है, उसके बल पर उन्हें किस्मत के धनी घर जमाई कहा जाता है। ये उनकी किस्मत ही है जिसके चलते कहीं वे कंपनी के मालिक तो कहीं करोड़ों-अरबों के शेयर होल्डर्स के रूप में एश करते नजर आते हैं......

अगर हम ये बात करें कि दिल्ली में शीर्ष पर रहने वाला घर जमाई की बात करें तो टिमी सामा का नाम आता है। टिमी ने डीएलएफ ग्रुप की उत्तराधिकारी पिया सिंह से शादी की है। शादी से पहले टिमी एक्सपोर्ट के नाम से अपने परिवार का बिजनेस संभालते थे। सन् 2000 में टिमी ने लाइफ स्टाइल स्टोर 'कोमा होमÓ लांच किया। टिमी ने 2002 में देश के अलग-अलग शहरों में स्टोर लांच करने की योजना बनाई लेकिन उनकी ये योजना सफल नहीं हुई। यहां तक कि जो स्टोर उन दिनों शुरू हुए थे, वे भी जल्दी ही बंद हो गए। इस प्रोजेक्ट के असफल हो जाने के बाद टिमी ने अपने ससुर के डीएलएफ ब्रांड में एमडी के पद पर कार्य करना प्रारंभ किया। शादी से पहले टिमी ग्रीन पार्क स्थित अपने घर में रहते थे लेकिन शादी के बाद वे पिया के साथ औरंगजेब रोड़ स्थित एक आलीशान मकान में रहने लगे।
ये किस्मत का ही खेल है कि शादी से पहले जो लड़के अच्छी नौकरी पाने के लायक भी नहीं होते वही अरबपतियों की बेटियों से शादी के बाद दोनों हाथों में लड्डू लिए घुमते हैं। ऐसे ही नामों में शामिल है शिखर मल्होत्रा का नाम। शिखर ने टेक बिलियोनेयर शिव नादर की बेटी रोशनी नादर से विवाह किया। उनके पिता शिव की संपत्ति 5 बिलियन डॉलर है। शादी के पहले शिखर के पास होंडा कारों की डिस्ट्रीब्यूटरशिप थी। रोशनी से शादी के बाद शिखर शिव नादर स्कूल के सीईओ है। इस स्कूल का प्रोजेक्ट शिव नादर की मुख्य योजना में से एक है। रोशनी के करीबी मित्रों का कहना है कि शिखर के साथ वे पिछले साल दिल्ली की पॉश कॉलोनी में रहने लगी। इस जगह के लिए रोशनी को उनके पिता ने 100 करोड़ दिए थे। पिता की संपत्ति का फायदा जितना उनकी बेटी को मिलता है उतना ही उस जमाई को भी जो बेटी के सुख-दुख का साथी होता है। ऐसे जमाई दुख में चाहे बेटी का साथ न दे लेकिन उसकी संपत्ति का पूरा सुख लेने से वे नहीं चूकते। तभी तो हमारे देश के साथ विदेशों में भी ऐसे कई जमाई बाबू है जो ससुर की संपत्ति पर घात लगाए बैठे हैं। इन्हीं में एक नाम अर्जुन प्रसाद का है। अमेरिका में बैंकर रहे अर्जुन ने प्रसिद्ध मीट एक्सपोर्टर मोईन कुरैशी की बेटी पर्निया से से शादी की। मोईन ने अपनी बेटी को उपहार स्वरूप अमान के भव्य सर्विस अपार्टमेंट में रहने के लिए घर दिया। मोईन के बिजनेस को संभालने की जिम्मेदारी अब अर्जुन के कंधों पर है। अर्जुन की पत्नी पर्निया बॉलीवुड की फिल्मों में अभिनेत्री बनने का सपना देखती थी लेकिन फिलहाल इस सपने को पूरा न होते हुए देखकर वे डिजाइनर वियर लांच कर रही हैं। इन घर जमाईयों की जमात में ऐसे नामों की भी कमी नहीं जिन्होंने लंबे समय तक ससुर के पैसों पर ऐश किया और फिर बेटी को छोड़कर खुद अपना राज स्थापित कर आज शान से जी रहे हैं। अंतर्राष्टï्रीय बिजनेस की दुनिया में इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता ने ऋषि सुनाक से शादी की। ऋषि के साथ अक्षता की मुलाकात स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान हुई। गौरतलब है कि अक्षता इंफोसिस में 1.41 प्रतिशत की शेयर होल्डर हैं। वह 1,600 करोड़ की मालिक हैं जबकि ऋषि एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं। अक्षता को ग्लोबल सिटीजन के तौर पर भी जाना जाता है। वे महिलाओं के उत्थान की दिशा में भी प्रयासरत हैं। ऋषि ने बिजनेस प्रशासन की डिग्री हार्वर्ड और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से प्राप्त की है। बिजनेस वल्र्ड में एक बड़ा बदलाव इस बात से भी दिखाई देने लगा है कि पहले इस क्षेत्र में लड़कों का वर्चस्व अधिक था लेकिन अब विदेशों से उच्च शिक्षा प्राप्त कर लड़कियां भी पिता के बिजनेस में महती भूमिका अदा कर रही हैं। निश्चित रूप से उनकी इस भूमिका का लाभ पति को भी होता है। फ्युचर ग्रुप के सीईओ किशोर बियानी की बेटी आश्निी बियानी ने अमेरिका में केलॉग ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से डिग्री प्राप्त की और उसके बाद पिता के बिजनेस की कमान संभाली। उनकी पहचान फ्युचर ग्रुप के 'फ्युचरÓ के  तौर पर की जाती है। आश्निी के पिता किशोर के अनुसार उच्च बिजनेस वर्ग की बड़ी श्रंृखला हमारे देश में बनती जा रही है। इस कड़ी से जुडऩे वालो लोगों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और उसी गति से बढ़ रहे हैं उनमें परस्पर शादी-ब्याह के अवसर भी। इस वर्ग में अपनी सुविधा के अनुसार लोग संबंधों का ताना- बाना बुनने में लगे रहते हैं। यहां मौजूद लोग एक-दूसरे की पावर पहचाते हैं और उसी आधार पर संबंधों का बनना तय होता है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो पैसों की पॉवर शादी-ब्याह तय करने में भी काम आती है। कि शोर की बेटी आश्निी बियानी ने वेदांत ग्रुप के हेड अनिल अग्रवाल के भतीजे विराज डीडवानिया से विवाह किया। विराज और आश्निी दोनों अपने परिवार के बिजनेस को विवाह के बाद भी पूरी तरह संभाल रहे हैं। फर्क बस इतना है कि कभी अगर विराज अपने बिजनेस में डावांडोल होने लगे तो आश्निी के बिजनेस एंपायर में हाथ आजमा सकता है या आश्निी चाहे तो अपने बिजनेस के अलावा विराज के बिजनेस में अपने अनुभव के आधार पर कुछ नया कर सकती है। इसे कहते हैं दोनों हाथों में लड्डïूू होना। यहां प्यार नहीं पैसा बड़ी चीज है।

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