शनिवार, 22 सितंबर 2012

मेरा पैशन मोटर स्पोट्र्स
गौरी गुप्ता


जिंदगी में जीने के लिए एक मकसद बहुत जरूरी है। जब कोई मकसद न रहे तो जिंदगी का मजा कम होने लगता है। ये कहना है श्रीनगर से शुरू होने वाली थर्ड मुगल रैली 2012 में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाली गौरी गुप्ता का। गौरी ने विभिन्न मोटर स्पोट्र्स में 19 घंटे और 640 किमी लगातार गाड़ी चलाई है। संगिनी के इस अंक में एक मुलाकात गौरी गुप्ता के साथ....

मुझे खुशी हो
जब मेरे बच्चे बड़े होने लगे तो इस बात का अहसास हुआ कि मुझे भी कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे महिलाओं को प्रोत्साहन मिले और मुझे खुशी हो। एक बार मैंने अपनी सहेली के साथ मोटर स्पोट्र्स रैली देखी। इस खेल को देखने के बाद मुझे ये लगा कि जब अन्य महिलाएं इस खेल में विजेता बन सकती हैं तो मैं क्यों नहीं। पहली बार 2010 में दिल्ली में आयोजित होनेे वाली मोटर स्पोट्र्स रैली में मेरा तीसरा स्थान रहा।

मेरा सपना है
मेरा सपना है कि इस वर्ष अक्टूबर से प्रारंभ होने वाली रेड्डïी हिमालय डेकोर में प्रथम स्थान प्राप्त करूं। इससे पहले भी मैं इस प्रतियोगिता का हिस्सा बनी थी लेकिन मेरी गाड़ी के टायर पंचर हो जाने की वजह से मैं हार गई।

योग्य नहीं समझा जाता
मेरी प्रेरणा मैं अपनी मां ज्योत्स्ना कंवर और पिताजी एम पी कंवर को मानती हूं। उन्होंने मुझे इस बात का अहसास दिलाया कि एक औरत को अपना अस्तित्व बनाने के लिए किसी आदमी की जरूरत नहीं होती। अगर वो एक बच्चे को जन्म दे सकती है तो उस हर काम को करने की शक्ति भी रखती है जिसके योग्य उसे नहीं समझा जाता।

खेल में आगे आएं
मुझे इस बात का अफसोस है कि पूरे मध्यप्रदेश में मोटर स्पोट्र्स में मेरे अलावा कोई प्रतिभागी नहीं है। मैं चाहती हूं कि अधिक से अधिक लड़कियां इस खेल में आगे आएं। हम में जो एनर्जी है उसका पूरा उपयोग हमें जरूर करना चाहिए। मुझे लगता है मेरे अंदर जो एनर्जी है वो सड़क पर गाड़ी चलाते समय निकलती है।

जीत कर जाना है
जब मैं मोटर स्पोट्र्स का हिस्सा बनती हूंू तो मेरे दिमाग में सिर्फ एक बात रहती है कि मुझे अपने बच्चों की खातिर यहां से जीत कर जाना है। जब वे मुझे ट्राफी के साथ घर में प्रवेश करते हुए देखते हैं तो उनके चेहरे पर जो खुशी होती है उसे देखने के लिए मैं कितनी भी मेहनत करने को तैयार रहती हूं। मैं चाहती हूं कि मेरे पेरेंट्स की तरह अन्य पेरेंट्स भी अपनी लड़कियों पर विश्वास दिखाएं और ये लड़कों का खेल है, ऐसा समझना छोड़कर अपनी लड़कियों को आगे बढऩे का मौका दें।

सुरक्षा करना जानती हैं
कच्ची रोड पर गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। मुझे लगता है कि लड़कियों से अच्छा ड्राइवर कोई नहीं हो सकता। वे अपनी सुरक्षा करना जानती हैं। जिस आत्मविश्वास के बल पर हम जीत सकते हैं वो उनमें हमेशा रहता है। यही बातें हर खेल में विजेता बनने के लिए जरूरी भी होती हैं।

लगन की जरूरत है
मैं चाहती हंू कि एक बार राष्टï्रीय मोटर स्पोट्र्स रैली में लड़कों को हराकर आल राउंड फस्र्ट आऊं। उन्हें ये दिखा सकूं कि हम भी ताकत में किसी से कम नहीं हैं। फिर इसमें कोई शक नहीं कि किसी भी काम में सफलता के लिए सिर्फ लगन की जरूरत है। मैंने लगातार 19 घंटे और 640 किमी ड्राइविंग की है।

वे सफल रहीं
मैं अपना आदर्श ओपेरा विन्फ्रे को मानती हूं। उन्होंने उस समय अपने काम की शुरुआत की जब नीग्रो को हीनभावना की दृष्टिï से देखा जाता था। ऐसे समय भी वे खुद को साबित करने में सफल रही हैं। आज उनका नाम सारी दुनिया में सम्मान के साथ लिया जाता है।


यहां दिखाया अपना दम
- थार मोटर स्पोट्र्स रॉयल राजस्थान रैली 2012।
- तीसरी मुगल रैली कोप द डेम्स 2012।
- स्जोबा थंडर बोल्ड रैली में महिला प्रतिभागियों में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
- टाटा मोटर्स ब्लेज डि राजस्थान 2012 में महिला टीम में प्रथम स्थान।
- जे के मानसून राइड 2010 आल वूमन टीम में सेकंड रनर अप।

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