सोमवार, 2 दिसंबर 2013


श्रद्धा, भक्ति और विश्वास


सास-बहू से अलग हटकर छोटे परदे पर पौराणिक धारावाहिकों का प्रसारण बढ़ता जा रहा है। इन धारावाहिकों से दर्शकों की श्रद्धा जुड़ी हुई है। तभी तो दर्शकों की भक्ति और विश्वास का ख्याल रखते हुए वे उनकी हर कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास करते हैं। इन भूमिकाओं के लिए कड़ी मेहनत के साथ ही पौराणिक पात्रों के बारे में पूरी जानकारी और भारी मेकअप व कपड़े पहनना भी उनके काम का एक हिस्सा होता है। कभी दर्शक इन्हें भगवान की तरह पूजते हैं तो कभी संघर्ष के बीच खास मुकाम बनाए रखने की जद्दोजहद के बीच टीवी की टीआरपी में वे आगे बढ़ते जाते हैं...
लाइफ ओके पर प्रसारित देवों के देव महादेव में भगवान शिव की भूमिका में मोहित रैना की चर्चा हर घर में है। कॉमर्स में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले मोहित रैना चार्टर्ड अकाउंटेंट की तैयारी कर रहे थे लेकिन इस बीच उनका चयन इस शो के लिए हुआ और वे टीवी अभिनेता बन गए।
मोहित रैना ने इससे पहले मिथुन चक्रवर्ती के साथ फिल्म डॉन मुथु में काम किया है। वे साई फाई टीवी शो अंतरिक्ष, चेहरा, बंदिनी और गंगा की धीज में नजर आए। 31 साल के मोहित अपने स्वर्गीय पिता के साथ अक्सर अमरनाथ मंदिर जाते थे और खुद भी भगवान शिव के भक्त हैं। भगवान शिव की भूमिका के लिए मोहित को तैयार होने में 90 मिनट लगते हैं उसके बाद काफी समय उनके मेकअप को फाइनल टच देने में चला जाता है। मोहित को इस बात की खुशी है कि लोग उन्हें शिव के रूप में पसंद करते हैं। इसके अतिरिक्त मोहित रैना कहते हैं कि शिव के चरित्र के विभिन्न शेड्स हैं जैसे रोमांस, एक्शन आदि। सच तो यह भी है कि अब तक महादेव को कैलेंडर आर्ट तक सीमित रखा गया था लेकिन इस धारावाहिक की वजह से शिव के व्यक्तित्व की उन बातों को भी प्रचारित किया जा रहा है जो अब तक आम जनता की निगाह से छुपी हुई थीं। लोगों के बीच होने पर उन्हें भगवान का स्थान दिया जाता है। लोग चाहते हैं कि वे उन्हें आशीर्वाद दें। उनसे अधिक उम्र के लोग भी उनके चरण स्पर्श करते हैं। इसी तरह अपने चेहरे पर मंद-मंद मुस्कान सदैव बनाए रखने वाले सौरभ राज जैन स्टार प्लस पर प्रसारित महाभारत में भगवान कृष्ण की भूमिका में हैैं। 28 साल के सौरभ ने एमबीए किया है और इन दिनों वे भगवान कृष्ण से संबंधित अलग-अलग किताबें पढ़कर उनके बारे में अपनी जानकारी बढ़ा रहे हैं। सौरभ ने इसके पहले जय जय जय श्री कृष्ण में भगवान विष्णु की भूमिका की थी। वे एक कुशल नर्तक भी हैं। धोती, मुकुट, मेकअप और भारी कपड़े पहनने में उन्हें कभी असुविधा नहीं होती। सौरभ के अनुसार कृष्ण की ऊर्जा को मैं अपने अंदर महसूस करता हूं। दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले महाभारत में भगवान कृष्ण को जिस तरह से प्रस्तुत किया गया था, स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले महाभारत में कृष्ण की भूमिका उससे अलग है जो दर्शकों को लुभा रही है। सौरभ अपने अनुभव को याद करते हुए कहते हैं कि एक बार एक महिला अपने नवजात शिशु को मेरे पास लेकर आई और कहने लगी कि आप कृष्ण हैं। इसे आशीर्वाद दीजिए। मैंने उसे समझाया कि मैं भी एक आम इंसान हूं, भगवान कृष्ण नहीं लेकिन जब वह नहीं मानी तो मैंने उस बच्चे को आशीर्वाद दिया। पौराणिक पात्रों के अनुरूप दिखने के लिए महाभारत में भीष्म की भूमिका में आरव चौधरी दर्शकों की कसौटी पर खरे उतरे हैं। 43 साल के आरव ने इस धारावाहिक के लिए अपना वजन बॉडी बिल्डर रोहित शेखर के मार्गदर्शन में बारह  से चौदह किलो तक बढ़ाया। आरव पिछले दो दशकों से दर्शकों का मनोरंजन करते रहे हैं। इससे पहले दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले महाभारत में भीष्म की भूमिका मुकेश खन्ना ने अदा की थी जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। उसी भूमिका पर दूसरी बार बनने वाले महाभारत में खरा उतरना आरव के लिए मुश्किल था। आरव ने हर चुनौती का सामना किया। आरव कहते हैं कि भीष्म हर उम्र के लोगों को प्रेरित करते हैं। इस किरदार के लिए मैंने जी तोड़ मेहनत की है। आरव शूटिंग के समय दस किलो का मुकुट, लगभग उतनी ही भारी तलवार और अन्य वजनदार एक्सेसरीज पहनते हैं। इस भूमिका के लिए वे कश्मीर की वादियों में भी कड़ी ठंड के बीच शूटिंग करते और उसके बाद अपने फिटनेस शेड्यूल को भी बनाए रखते हैं। आरव ये मानते हैं कि अपने वचन के पक्के भीष्म और आरव के स्वभाव में बहुत समानता है। भीष्म जो कहते थे, वो कर दिखाते थे इसी तरह आरव भी अपनी बात के पक्के हैं। आरव की नजरों में इस भूमिका के लिए हमारे देश में दो ही कलाकार उपयुक्त हैं। एक अमिताभ बच्चन जिनका व्यक्तित्व भीष्म पितामह से मिलता-जुलता है और दूसरा डेनी डेनजोंग्पा जो अच्छे पिता, पति और बेटे हैं। ट्विटर पर वे आरेवियन के नाम से छाए रहते हैं। उनके फॉलोअर्स में सबसे ज्यादा संख्या लड़कियों की है। आरव के अनुसार उनसे मिलने वाले कई लोग उनसे अपने प्रसिद्ध डायलॉग बोलने का आग्रह करते हैं। आरव ने पिछले बीस सालों में फिल्मी जगत में बहुत संघर्ष किया। वे कहते हैं अगर कभी उन्हें भीष्म से मिलने का मौका मिले तो वे इस क्षेत्र में किए संघर्ष के बदले उनसे अपने सुरक्षित कैरियर की मांग करेंगे। सहारा वन पर प्रसारित गणेश लीला में नारद मुनि की भूमिका में धीरज मंगलानी को दर्शकों ने सराहा। एक बार फिर वे इसी भूमिका में कलर्स पर प्रसारित जय जगजननी मां दुर्गा में नजर आ रहे हैं। धीरज के अनुसार नारद मुनि को उनकी चुगलखोरी की वजह से लोग जानते हैं लेकिन उनकी भावनाएं बहुत अच्छी थीं, जिन्हें भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में पहले से ही पता चल जाता था। धीरज यही रोल प्रज्ञा चैनल में सूर्य पुराण और सोनी पर बबोसा मेरे भगवान के लिए भी कर रहे हैं। उनके पास देवों के देव महादेव से भी प्रस्ताव आया था लेकिन वे नारद मुनि की भूमिका से संतुष्ट हैं इसलिए उन्होंने किसी और भूमिका के लिए मना कर दिया।
बॉक्स में
बदल गया दौर
अगर पिछले उदाहरणों को देखा जाए तो दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले रामायण में अरुण गोविल राम की भूमिका में व महाभारत में नीतीश भारद्वाज कृष्ण की भूमिका में बहुत चर्चित थे, लेकिन जैसे ही उनके धारावाहिकों पर विराम लगा तो वह भी लोगों की यादों से गायब हो गए। अब जो कलाकार पौराणिक धारावाहिकों में अभिनय कर रहे हैं वे ये मानते हैं कि समय बदल गया है। एक माध्यम के  रूप में आज टेलीविजन पहले की तुलना में अधिक सशक्त है। बॉलीवुड का हर टॉप अभिनेता टीवी पर अपनी मौजूदगी दर्ज करना चाहता है। साथ ही टेलीविजन के कलाकार भी बॉलीवुड में बहुत सफल हो रहे हैं इसलिए अब छोटा पर्दा 'छोटाÓ नहीं रहा है।

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