शनिवार, 17 नवंबर 2012

शक्ति दे मां

एक नारी होने के नाते शक्ति की परीक्षा मां दुर्गा ने भी दी थी और आज भी महिलाएं अपनी शक्ति का परिचय देकर लोगों के सामने मिसाल कायम करने का दम रखती हैं।  बात करें उन महिला प्रशासनिक अधिकारियों की, जिन्होंने अपनी शक्ति का परिचय देते हुए नारी शक्ति का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया है....

मोनिका शुक्ला
एडिशनल एस पी, ट्रैफिक पुलिस
न्यू मार्केट में सोने के गहनों की चोरी का मामला मुझे याद है। ईव्स मिरेकल से सात-आठ किलो सोना चोरी हुआ था। जिस संदिग्ध व्यक्ति पर हमें शक था उसे बुलाकर पूछताछ की गई लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। बाद में उसके फोन की डिटेलिंग से पता चला कि उसी व्यक्ति ने बार-बार उस क्षेत्र में फोन किया था। उस व्यक्ति ने पूछताछ के बाद अपना अपराध स्वीकार किया और बताया कि उसके घर में स्थित कुएं के अंदर लगी मोटर में उसने सोना छिपाया था। वो सारा सोना हमने उस कुएं से बरामद किया था। जब मैं शाहजहांनाबाद में सीएसपी थी, तो काजी कैंप में ट्रक से टकराने पर एक बच्ची की मृत्यु हो गई थी। गुस्से में आकर लोगों ने तोडफ़ोड़ करना शुरू की। मैंने अपनी टीम के साथ फायरिंग करके भीड़ को नियंत्रित किया।
आत्मविश्वास बढ़ेगा
अपने फैसले खुद लेना सीखें। परिवार की सलाह से फैसले करना अच्छी बात है लेकिन अंतिम निर्णय आपका अपना होना चाहिए। इससे आपमें आत्मविश्वास बढ़ेगा।
अरुणा मोहन राव

एडीजी महिला सेल
1989 में जब मैं परिवेक्षक अधिकारी थी तो रायपुर में रेल लाइट एरिया से लगातार शिकायत मिल रही थी। वहां की पहली लेडी पुलिस ऑफिसर होने की वजह से मुझे वहां जाकर जांच करने को कहा गया। इस केस में वहां पदस्थ कमिश्नर और कलेक्टर ने भी हमारी बहुत मदद की और वेश्यावृत्ति में लिप्त महिलाओं के व्यवस्थापन की व्यवस्था की गई। मुझे ये संतुष्टि थी कि हमारे प्रयासों से उन महिलाओं की जिंदगी सुधर गई। मुझे वो केस भी याद है जब मैं धमतरी में एसडीओपी थी और वहां एक लड़की की मृत्यु हो गई थी। कुछ लोगों ने शिकायत की कि उसकी हत्या की गई है। जांच के बाद पता चला कि वह जिस घर में नौकरानी थी उसी घर के मालिक ने उसका शारीरिक शोषण किया था। जब वह गर्भवती हो गई तो उसका गर्भपात करवाया गया और उसी दौरान उसकी मृत्यु हो गई। मैंने वहां के एसडीएम की मदद लेकर उस लड़की की लाश को खुदवाया और जब उसका पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि सारी बात सच थी। बाद में उस डॉक्टर को जिसने उस लड़की का गर्भपात किया था और उस व्यक्ति को जिसने लड़की का शारीरिक शोषण किया था, सजा सुनाई गई।
आत्मनिर्भर बनें
आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें ताकि आप अपनी जरूरतों के लिए किसी पर निर्भर न रहें। अपने अधिकारों के लिए लडऩा सीखें। अगर आपके साथ अन्याय होता है तो उसके खिलाफ कदम उठाने की हिम्मत रखें।
रुचि वर्धन मिश्र
एसपी राजगढ़

जब मैं भोपाल में एडीशनल एसपी थी तो बेडिय़ा समाज की कई छोटी-छोटी लड़कियों के गायब होने का मामला सामने आया था। इन लड़कियों को कड़ी मेहनत के बाद अलग-अलग शहरों जैसे नागपुर, मुंबई और शिवपुरी आदि स्थानों से बरामद किया गया। इस केस में कई अपराधियों की गिरफ्तारी भी हुई। इसमें सबसे कम उम्र की जिस लड़की को बरामद किया था उसकी उम्र चार साल थी, जिन्हें वेश्यावृत्ति के लिए ले जाया जा रहा था।
संभव किया जा सकता है
अगर आप परेशान हैं तो पूरे विश्वास के साथ उस समस्या का समाधान ढंूढें। आजकल ऐसी कई संस्थाएं हैं जो आपकी मदद करने के लिए बनाई गई हैं। पारिवारिक सदस्यों की मदद से हर असंभव काम को संभव किया जा सकता है।


अनुराधा शंकर सिंह
आईजी, इंदौर
कई बार ऐसे केस सामने आते हैं जब लगता है कि इसे सुलझाना मुश्किल होगा लेकिन एक से एक कड़ी जुड़ती जाती है और मुश्किल आसान हो जाती है। जब मैं भोपाल में डीआईजी थी, उन दिनों वहां बंगलादेशी डकैतों का बहुत आतंक था। एक के बाद एक रोज ही डकैती के मामले सामने आते थे। डकैतों को पकडऩे के लिए एक टीम गठित की गई और जल्दी ही उन डकैतों को पकडऩे में हम कामयाब रहे। ऐसा ही एक केस उन दिनों का है जब मैं विदिशा में एसपी थी। वहां जगन्नाथ रथ यात्रा के समय मेला लगता है। उस मेले में एक साथ पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी। तीन-चार महीनों तक जांच जारी रही और अंतत: अपराधी पकड़े गए।

भरोसा रखना सीखें
महिलाओं को सबसे पहले अपनी योग्यता पर भरोसा रखना सीखना चाहिए। हमेशा ईमानदारी के साथ प्रयास करके आगे बढ़ें।
सुफिया कुरैशी मुद्गल
उपनिरीक्षक, मध्यप्रदेश पुलिस

कुछ दिनों पहले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग की चोरी हुई थी। इस प्रकरण में जांच तभी संभव थी जब ऑनलाइन शेयरिंग और इससे संबंधित तकनीकी ज्ञान की जानकारी हो। इस केस के लिए सारी जानकारी इक_ा करने और तकनीकी बातों को जानने में मेहनत भी खूब हुई और अच्छे परिणाम सामने आने पर संतुष्टि भी मिली। ये लगा कि मैं अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से निभा सकी।

आगे बढऩे का प्रयास करें
अपने कर्तव्यों को निभाने के साथ-साथ अपनी विशेषताओं को समझते हुए आगे बढऩे का प्रयास करें। सफलता उन्हें मिलती है जिनमें इसे पाने का जज्बा होता है।

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