एक और एक ग्यारह
देश के प्रसिद्ध उद्योगपति अगर उद्योग जगत में छाए रहने का दम रखते हैं तो उनकी पत्नी भी कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए कभी बिजनेसवुमेन के रूप में तो कभी सामाजिक कार्यों को बखूबी पूरा करते हुए अपनी विशिष्ट पहचान रखती हैं। एक हमसफर के तौर पर वे एक दूजे के लिए एक एक और दो नहीं बल्कि एक और एक ग्यारह की ताकत रखते हैं....
लक्षमी मित्तल ब्रिटेन के सबसे अमीरों में शुमार है। उनकी काम के प्रति व्यस्तता को देखते हुए उनकी पत्नी लक्ष्मी मित्तल इंडोनेशिया में स्टील बिजनेस को संभाल रही हैं। उषा मुंबई में विकलांग ब"ाों के लिए स्थापित किए गए जयवकील स्कुल की जिम्मेदारियां बखूबी निभाती हैं। भारत में महिलाओं की शिक्षा की दिशा में कार्य कर रही उषा मित्तल इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी की जिम्मेदारी भी संभालती हैं। विप्रो चैयरमेन अजीम प्रेमजी देश के बड़े उद्योगपति होने के बाद भी लोगों के सामने आने से अक्सर बचते हैं। अजीम प्रेमजी गरीब ब"ाों की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में से 2 बिलियन डॉलर वे इसी दिशा में खर्च करते हैं। उनकी पत्नी यासमीन प्रेमजी इस चैरिटी की डायरेक्टर हैं। यासमीन एक लेखिका के रूप में अपनी खास पहचान रखती हैं। उनका उपन्यास डेज ऑफ गोल्ड एंड सेपिया बहुत पसंद किया गया। वह पिछले बारह सालों से सामाजिक कार्यों में व्यस्त हैं। सॉफ्टवेयर उद्योगपति नारायणमूर्ति इंफोसिस टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सह संस्थापक हैं। नारायण ने इस कंपनी की शुरूआत महज 10,000 रूपए से की थी जो उन्हें उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने दिए थे। आज उनकी कंपनी भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है जिसे आईटी हब के रूप में जाना जाता है। कुछ सालों पहले मूर्ति और सुधा ने
5.2 मिलियन डॉलर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को इंडियन क्लासिक्स का अनुवाद प्रकाशित करने के लिए दिए।
सुधा एक समाज सेविका और लेखक के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखती है। वे गेट फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी सदस्यों में से एक हैं।
2006 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया। सुधा समय-समय पर समाज सेवा और शिक्षा में दिए गए अपने अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित की जा चुकी हैं। मुकेश और नीता अंबानी का नाम न सिर्फ उद्योग जगत में बल्कि मनोरंजन की दुनिया में भी छाया रहता है। मुकेश ने अपने पिता के रिलायंस एंपायर की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। नीता धीरूभाई अंबानी इंटरनेशन स्कूल की संस्थापक हैं और शिक्षा से संबंधित कई कार्यों के साथ उनका नाम जुड़ा हुआ है। रियल हीरोज अवार्ड्स की शुरूआत रिलायंस फाउंडेशन की ही देन हैं। इसी तरह अनिल अंबानी अगर रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप को सुशोभित करते हैं तो टीना सामाजिक कार्यों में व्यस्त दिखाई देती हैं। वे कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ ही समकालीन भारतीय कला की मुख्य संरक्षक के रूप में भी जानी जाती हैं। मशहूर उद्योगपति जेएसडब्ल्यू स्टील के चैयरमेन स"ान जिंदल की कंपनी भारत में तीसरी सबसे बड़ी स्टील कंपनी मानी जाती है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी। आज वे एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक्स प्रेसिडेंट भी है। स"ान का साथ उनकी हमसफर संगीता जिंदल ने पूरी तरह दिया है। वह जेएसडब्ल्यू ग्रुप के जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन की निदेशक है। यह संस्था स्थास्थय, शिक्षा, आवास और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने की दिशा में कार्य करती है। वह हंपी फाउंडेशन की चैयरपर्सन हैं जो भारत की धरोहरों के संरक्षण की दिशा में कार्य करती है। देश के इन उद्योगपतियों ने काम के बल पर दुनिया भर में अपना लोहा मनवाया है। आदि गोदरेज दुनिया के सबसे अमीर पारसी हैं। वे औद्योगिक कार्यों के अतिरिक्त परोपकारी कार्यों में भी संलग्र रहते हैं। उनकी पत्नी परमेश्वर गोदरेज समाज सेविका के रूप में जानी जाती हैं। परमेश्वर आलीशान पार्टियों को आयोजित करने की कला भी बखूबी जानती है। ओपेरा विन्फ्रे की भारत यात्रा के दौरान परमेश्वर द्वारा दी गई पार्टी आज भी लोगों की जुबान पर है। वह गेट्स फाउंडेशन की बोर्ड मेंबर और गेरे फाउंडेशन के अलावा आहवान संगठन से भी जुड़ी हुई हैं। नंदन नीलकेणी इंफोसिस के सह संस्थापक और सीईओ के रूप में जाने जाते हैं। वे इस पद पर मार्च
2002 से अप्रैल 2007 तक रहे। फिलहाल वे यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के चैयरमेन हैं। नंदन को भारत में नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टेवयर एंड सर्विस कंपनिज और बैंगलोर में इंडस इंटरप्रेनयोर की स्थापना करने का श्रेय भी प्राप्त है। वे वल्र्ड इकोनोमिक फोरम फाउंडेशन और बॉम्बे हेरिटेज फंड के लिए सलाहकार के रूप में भी कार्य करते हैं। उनकी पत्नी रोहिनी निलकेणी पब्लिक चैरिटेबल फाउंडेशन आघर््यम की चैयरपर्सन हैं। वे 2001 से गंदी बस्तियों में पानी और साफ-सफाई की स्थिति सुधारने की दिशा में कार्य कर रही हैं। रोहिणी कई सालों से एक पत्रकार, लेखक और समाज सेविका के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखती हैं। वे प्रथम बुक्स की सह संस्थापक है जो ब"ाों को अलग-अलग भाषाओं में कम कीमत पर किताबें उपलब्ध कराने में मदद करती है। वह प्रथम इंडिया एजुकेशन इनिशिएटिव और संघमित्रा रूरल फायनेंशियल सर्विस की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स भी हैं।
उनकी संस्था माइक्रोक्रेडिट कार्यक्रम के अंतर्गत गरीबों के लिए फंड एकत्रित करती है। वे जुलाई 2002 से जुलाई 2008 तक अक्षरा फाउंडेशन की चैयरपर्सन थी। नुस्ली वाडिया एक उद्योगपति, टेक्सटाइल मैग्रेट के नाम से जाने जाते हैं। नुस्ली वाडिया रियल स्टेट के बिजनेस में जाना-माना नाम है। वे बॉम्बे डाइंग के चैयरमेन हैं। उनकी पत्नी मौरीन वाडिया हैं। मौरीन की मुलाकात नुस्ली से एयर इंडिया विमान में हुई और जल्दी ही उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया। मौरीन कंपनी के ब्रांड प्रमोशन में योगदान देती हैं। वह फेमिना मिस इंडिया की प्रायोजक के तौर पर पहचानी जाती हैं और ऐसे कई इवेंट्स में संलग्र रहती हैं जिससे उनके ब्रांड को पहचान मिल सके। ग्लैमर की दुनिया में छाए रहने का मौरीन को बेहद शौक है और अपने इस शौक को वे बखूबी पूरा भी करती हैं। वह फैशन और स्टाइल मैगजीन ग्लेडरेग्स की संपादक है। वे वार्षिक ग्लेडरेग्स मॉडल ऑफ द ईयर और मिसेज इंडिया कांटेस्ट की प्रायोजककर्ता भी हैं।
देश के प्रसिद्ध उद्योगपति अगर उद्योग जगत में छाए रहने का दम रखते हैं तो उनकी पत्नी भी कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए कभी बिजनेसवुमेन के रूप में तो कभी सामाजिक कार्यों को बखूबी पूरा करते हुए अपनी विशिष्ट पहचान रखती हैं। एक हमसफर के तौर पर वे एक दूजे के लिए एक एक और दो नहीं बल्कि एक और एक ग्यारह की ताकत रखते हैं....
लक्षमी मित्तल ब्रिटेन के सबसे अमीरों में शुमार है। उनकी काम के प्रति व्यस्तता को देखते हुए उनकी पत्नी लक्ष्मी मित्तल इंडोनेशिया में स्टील बिजनेस को संभाल रही हैं। उषा मुंबई में विकलांग ब"ाों के लिए स्थापित किए गए जयवकील स्कुल की जिम्मेदारियां बखूबी निभाती हैं। भारत में महिलाओं की शिक्षा की दिशा में कार्य कर रही उषा मित्तल इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी की जिम्मेदारी भी संभालती हैं। विप्रो चैयरमेन अजीम प्रेमजी देश के बड़े उद्योगपति होने के बाद भी लोगों के सामने आने से अक्सर बचते हैं। अजीम प्रेमजी गरीब ब"ाों की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में से 2 बिलियन डॉलर वे इसी दिशा में खर्च करते हैं। उनकी पत्नी यासमीन प्रेमजी इस चैरिटी की डायरेक्टर हैं। यासमीन एक लेखिका के रूप में अपनी खास पहचान रखती हैं। उनका उपन्यास डेज ऑफ गोल्ड एंड सेपिया बहुत पसंद किया गया। वह पिछले बारह सालों से सामाजिक कार्यों में व्यस्त हैं। सॉफ्टवेयर उद्योगपति नारायणमूर्ति इंफोसिस टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सह संस्थापक हैं। नारायण ने इस कंपनी की शुरूआत महज 10,000 रूपए से की थी जो उन्हें उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने दिए थे। आज उनकी कंपनी भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है जिसे आईटी हब के रूप में जाना जाता है। कुछ सालों पहले मूर्ति और सुधा ने
5.2 मिलियन डॉलर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को इंडियन क्लासिक्स का अनुवाद प्रकाशित करने के लिए दिए।
सुधा एक समाज सेविका और लेखक के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखती है। वे गेट फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी सदस्यों में से एक हैं।
2006 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया। सुधा समय-समय पर समाज सेवा और शिक्षा में दिए गए अपने अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित की जा चुकी हैं। मुकेश और नीता अंबानी का नाम न सिर्फ उद्योग जगत में बल्कि मनोरंजन की दुनिया में भी छाया रहता है। मुकेश ने अपने पिता के रिलायंस एंपायर की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। नीता धीरूभाई अंबानी इंटरनेशन स्कूल की संस्थापक हैं और शिक्षा से संबंधित कई कार्यों के साथ उनका नाम जुड़ा हुआ है। रियल हीरोज अवार्ड्स की शुरूआत रिलायंस फाउंडेशन की ही देन हैं। इसी तरह अनिल अंबानी अगर रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप को सुशोभित करते हैं तो टीना सामाजिक कार्यों में व्यस्त दिखाई देती हैं। वे कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ ही समकालीन भारतीय कला की मुख्य संरक्षक के रूप में भी जानी जाती हैं। मशहूर उद्योगपति जेएसडब्ल्यू स्टील के चैयरमेन स"ान जिंदल की कंपनी भारत में तीसरी सबसे बड़ी स्टील कंपनी मानी जाती है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी। आज वे एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक्स प्रेसिडेंट भी है। स"ान का साथ उनकी हमसफर संगीता जिंदल ने पूरी तरह दिया है। वह जेएसडब्ल्यू ग्रुप के जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन की निदेशक है। यह संस्था स्थास्थय, शिक्षा, आवास और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने की दिशा में कार्य करती है। वह हंपी फाउंडेशन की चैयरपर्सन हैं जो भारत की धरोहरों के संरक्षण की दिशा में कार्य करती है। देश के इन उद्योगपतियों ने काम के बल पर दुनिया भर में अपना लोहा मनवाया है। आदि गोदरेज दुनिया के सबसे अमीर पारसी हैं। वे औद्योगिक कार्यों के अतिरिक्त परोपकारी कार्यों में भी संलग्र रहते हैं। उनकी पत्नी परमेश्वर गोदरेज समाज सेविका के रूप में जानी जाती हैं। परमेश्वर आलीशान पार्टियों को आयोजित करने की कला भी बखूबी जानती है। ओपेरा विन्फ्रे की भारत यात्रा के दौरान परमेश्वर द्वारा दी गई पार्टी आज भी लोगों की जुबान पर है। वह गेट्स फाउंडेशन की बोर्ड मेंबर और गेरे फाउंडेशन के अलावा आहवान संगठन से भी जुड़ी हुई हैं। नंदन नीलकेणी इंफोसिस के सह संस्थापक और सीईओ के रूप में जाने जाते हैं। वे इस पद पर मार्च
2002 से अप्रैल 2007 तक रहे। फिलहाल वे यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के चैयरमेन हैं। नंदन को भारत में नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टेवयर एंड सर्विस कंपनिज और बैंगलोर में इंडस इंटरप्रेनयोर की स्थापना करने का श्रेय भी प्राप्त है। वे वल्र्ड इकोनोमिक फोरम फाउंडेशन और बॉम्बे हेरिटेज फंड के लिए सलाहकार के रूप में भी कार्य करते हैं। उनकी पत्नी रोहिनी निलकेणी पब्लिक चैरिटेबल फाउंडेशन आघर््यम की चैयरपर्सन हैं। वे 2001 से गंदी बस्तियों में पानी और साफ-सफाई की स्थिति सुधारने की दिशा में कार्य कर रही हैं। रोहिणी कई सालों से एक पत्रकार, लेखक और समाज सेविका के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखती हैं। वे प्रथम बुक्स की सह संस्थापक है जो ब"ाों को अलग-अलग भाषाओं में कम कीमत पर किताबें उपलब्ध कराने में मदद करती है। वह प्रथम इंडिया एजुकेशन इनिशिएटिव और संघमित्रा रूरल फायनेंशियल सर्विस की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स भी हैं।
उनकी संस्था माइक्रोक्रेडिट कार्यक्रम के अंतर्गत गरीबों के लिए फंड एकत्रित करती है। वे जुलाई 2002 से जुलाई 2008 तक अक्षरा फाउंडेशन की चैयरपर्सन थी। नुस्ली वाडिया एक उद्योगपति, टेक्सटाइल मैग्रेट के नाम से जाने जाते हैं। नुस्ली वाडिया रियल स्टेट के बिजनेस में जाना-माना नाम है। वे बॉम्बे डाइंग के चैयरमेन हैं। उनकी पत्नी मौरीन वाडिया हैं। मौरीन की मुलाकात नुस्ली से एयर इंडिया विमान में हुई और जल्दी ही उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया। मौरीन कंपनी के ब्रांड प्रमोशन में योगदान देती हैं। वह फेमिना मिस इंडिया की प्रायोजक के तौर पर पहचानी जाती हैं और ऐसे कई इवेंट्स में संलग्र रहती हैं जिससे उनके ब्रांड को पहचान मिल सके। ग्लैमर की दुनिया में छाए रहने का मौरीन को बेहद शौक है और अपने इस शौक को वे बखूबी पूरा भी करती हैं। वह फैशन और स्टाइल मैगजीन ग्लेडरेग्स की संपादक है। वे वार्षिक ग्लेडरेग्स मॉडल ऑफ द ईयर और मिसेज इंडिया कांटेस्ट की प्रायोजककर्ता भी हैं।