गुरुवार, 13 अगस्त 2015

फर्राटा दौड़ के बेताज बादशाह
उसैन बोल्ट




ओलंपिक चैंपियन और विश्व रिकॉर्डधारी धारक उसैन बोल्ट ने लंदन डायमंड लीग में 100 मीटर दौड़ जीतकर विश्व चैंपियनशिप के लिए अपने प्रतिद्वंद्वियों को चेतावनी दी है। उसेन बोल्ट विश्व एथलेटिक्स में एक ऐसा नाम है जो न जाने आने वाले कितने सालों तक इतिहास के पन्नों में दर्ज रहेगा। वल्र्ड चैंपियनशिप हो या फिर ओलंपिक, हर जगह बोल्ट की बादशाहत कायम है।
उसेन बोल्ट के बारे में कहा जाता है कि उनका मुकाबला सिर्फ रफ्तार ही कर सकती है। जब बोल्ट स्कूल में पढ़ते थे, तब तेज गेंदबाजी करते थे। बॉलिंग रन-अप पर उनकी तेज रफ्तार देखकर स्कूल के क्रिकेट कोच ने उन्हें सलाह दी कि वे क्रिकेट छोड़ें और एथलेटिक्स में जाएं। बोल्ट ने खुद को क्रिकेट के मैदान से अलग तो कर लिया पर क्रिकेट में उनकी रुचि कम नहीं हुई। आज भी बोल्ट कहते हैं, मैं क्रिकेट प्रेमी हूं और मुझे बहुत आनंद आता है जब मैं क्रिकेट खिलाडिय़ों को खेलते हुए देखता हूं। बीजिंग ओलंपिक 2008 में उसैन बोल्ट नामक आंधी ने जैसे दूसरे पदक विजेताओं की नींद ही उड़ा दी थी। बोल्ट ने बीजिंग ओलंपिक में 100 मीटर, 200 मीटर और 4 गुणा 100 मीटर की रेस जीती थी। 1986 में जमैका में जन्मे उसैन बोल्ट पर अगले महीने बीजिंग में होने वाली विश्व चेंपियनशिप के दौरान सभी की निगाहें रहेंगी। इस सत्र में सौ मीटर दौड़ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अमेरिका के जस्टिन गैटलिन के नाम है जिन्हें बोल्ट पछाडऩा चाहते हैं। साथ ही बोल्ट के मन में 2016 में रियो दे जनेरो के ओलंपिक खेलों के बाद अपना करियर समाप्त करने से पहले कुछ और ओलंपिक पदक जीतने की चाह है लेकिन और क्या है उसैन बोल्ट में जो उन्हें खास बनाता है? तो सबसे पहले उनके संयम की तारीफ की जानी चाहिए। उसैन बोल्ट ने जिस तरह से अपनी लोकप्रियता और निजी जीवन में संतुलन बनाकर रखा है वो वाकई काबिले तारीफ है। इसके बाद जो शब्द उनके लिए जहन में आता है वो है परिपक्वता। हालांकि उसैन बोल्ट की इमेज मौज-मस्ती करने वाले एक युवा की है जिसे गाने-बजाने का भी शौक है जो डांस करना पसंद करता है लेकिन बीजिंग ओलंपिक के बाद बोल्ट ने कुछ बेहद समझदारी वाले निर्णय भी लिए हैं जिससे उनकी परिपक्वता का पता चलता है। साथ ही दुनिया भर में नाम कमाने के बाद  उन्होंने अभी तक अपने इर्द-गिर्द वही दोस्त और परिवार वाले रखे हैं जो उनके मुश्किल भरे समय में जब वे चोटों से जूझ रहे थे और खराब फॉर्म से गुजर रहे थे, उनके लिए खड़े रहे। आज भी उसैन के सबसे नजदीकी दोस्त वहीं हैं जो उनके साथ स्कूल में थे। नुजेंट वाल्कर और उनके भाई सडिकी बोल्ट ऐसे ही नामों में से एक हैं। रही बात उसैन के इलाके की, तो जब से उन्होंने दुनिया भर में नाम कमाना शुरू किया है तब से उनके गांव शेरवुड कंटेंट का तो जैसे नक्शा ही बदल गया है। उनकी उपलब्धियों की वजह ये यह गांव अब दुनिया भर में जमैका पर्यटन वाले बिलबोर्ड्स पर अपनी जगह बना चुका है। आज भी उनके परिवार की सादगी एक मिसाल कही जाती है। उसैन बोल्ट के माता-पिता से मिलने पर पता ही नहीं चलता कि उनके बेटे को विश्व भर में पहचाना जाता है। उनके पिता वेलेस्ली बोल्ट अब भी अपनी राशन की दुकान पर मछली और सब्जियां बेचते हैं और उसैन के लाख मना करने के बाद भी उन्हें यही काम पसंद है।

चेहरे जो बोल्ट की सफलता के साझेदार हैं
-ग्लेन माइल्स- कोच ग्लेन माइल्स 2004 में उसैन बोल्ट की दौडऩे की प्रतिभा से बेहद प्रभावित हुए। छोटी उम्र में ही बोल्ट बड़े से बड़े जमैका के धावकों को पीछे छोड़ दिया करते थे। यहीं से बोल्ट के इस हुनर को कोच माइल्स ने पहचाना और उन पर जमकर मेहनत की।
-रिकी सिम्स- पेस स्पोर्ट्स मैनेजमेंट एक ऐसी कंपनी है जो दुनिया भर के एथलेटिक्स के लिए ब्रांडिंग का काम करती है। बोल्ट इस कंपनी से 16 साल की उम्र से जुड़ गए थे। जिसके बाद बोल्ट की ट्रेनिंग का सारा खर्च इस कंपनी ने उठाया।
-एवरल्ड एडवर्ड्स- एक धावक के तौर पर उसैन बोल्ट को किस तरह की फिजिकल ट्रेनिंग करनी है इसकी पूरी जिम्मेदारी एडवर्ड पर है।
-नजेंट वॉकर- नजेंट उसैन बोल्ट की बेवसाइट के एक्जीक्यूटीव मैनेजर हैं, जो बोल्ट के सारे बिजनेस पर ध्यान देते हैं। नजेंट बोल्ट के कोच के साथ मिलकर इनके ट्रेनिंग की रूपरेखा भी देखते है।
-गिना फोर्ड-गिना यूसेन बोल्ट की टीम की सबसे मुख्य सदस्य हैं, क्योंकि गिना पर बोल्ट के लिए स्पॉन्सर लाने की पूरी जिम्मेदारी है।
-नोरमैन पीयर्ट- नोरमैन बोल्ट के बिजनेस मैनेजर हैं। बोल्ट के बैंक बैलेंस की देख-रेख के साथ ही उन्हें किस ब्रैंड के लिए ऐड करना है, किस इवेंट में जाना है, इसकी पूरी जिम्मेदारी नोरमैन पर है।



दोस्ती का पैगाम
तरक्की के नाम

बॉलीवुड में राज है इन तीनों खान का जिन्हें फिल्म इंडस्ट्री की जान कहा जाता है। सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान, ये तीनों वो नाम हैं जिनके बीच कभी दुश्मनी तो कभी दोस्ती के किस्से हमेशा चर्चा में रहते हैं। एक दौर वो था जब इन तीनों खान के बीच दुश्मनी को कई इवेंट के बीच देखा गया वहीं पिछले साल अर्पिता खान की शादी से लेकर अब प्रमोशनल इवेंट तक इन्हें एक दूसरे की तारीफ करते देखा जाता है। इनके बीच गहराते रिश्ते दुश्मनों को दोस्ती का पैगाम तो देते ही है साथ ही एक दूसरे की तरक्की के बदलते समीकरण पर भी नजर डालते हैं...

जो लोग कई सालों से सलमान और शाहरुख खान के बीच चली आ रही दुश्मनी की बात करते थे वही अब उनके बीच बढ़ती दोस्ती की तारीफ कर रहे हैं। ये दोनों खान कभी इफ्तार पार्टी में तो कभी अपनी फिल्मों के प्रमोशन के दौरान एक दूसरे को सपोर्ट करते नजर आते हैं। पिछले दिनों सलमान ने ट्विटर के माध्यम से शाहरुख खान की अगली ईद पर रिलीज हो रही फिल्म रईस को  प्रमोट किया। उनका ट्विट था रई...स... आ रहा है। फिलहाल टीजर देखो और एंजॉय करो बेहद...। इसी तरह जब बजरंगी भाईजान का फस्र्ट लुक आउट हुआ था तब शाहरुख खान ने ट्विट किया था मुझे विश्वास है कि एक भाई का रिश्ता हीरो से हमेशा बड़ा होता है। इस साल ईद पर भाईजान आ रहे है। क्या आप बजरंगी भाईजान के फस्र्ट लुक को देखना चाहेंगे। आमिर खान ने भी इस फिल्म को अपने ट्विटर अकाउंट पर प्रमोट किया था। उनका ट्विट था जल्द आ रहा है भाईजान...बजरंगी भाईजान। सलमान के लिए शाहरुख और आमिर के दिल में जो दोस्ती का जज्बा है वह उनकी बातों और सोशल मीडिया पर कमेंट्स से पता चलता है। पिछले दिनों आमिर खान ने अपने दोस्त सलमान खान की ईद पर रिलीज हुई फिल्म 'बजरंगी भाईजानÓ की जमकर तारीफ करते हुए ट्विट किया था ''अभी अभी बजरंगी भाईजान देखकर आया। बेहतरीन। सलमान की अब तक की सर्वश्रेष्ठ फिल्म। सलमान का अब तक का सर्वश्रेष्ठ अभिनय।ÓÓ इससे सलमान के प्रति उनकी सद्भावना का पता चलता है। अगर बात सलमान और शाहरुख खान के रिश्तों की जाए तो ये कोई पुरानी बात नहीं है जब ये दोनों एक दूसरे से नफरत करते थे और आमिर खान को सलमान का पक्ष लेते हुए देखा जाता था। इसी बीच आमिर खान को जाने अनजाने ही सही लेकिन शाहरुख खान को अपनी तरक्की के लिए इस्तेमाल करते देखा गया। पिछले साल सलमान खान की बहन अर्पिता खान की शादी में इन तीनों खान को एक दूसरे से गले मिलते देखा गया। अर्पिता की शादी में शाहरुख खान संगीत सेरेमनी और रिसेप्शन में शामिल हुए वहीं आमिर भी शादी वाले दिन सलमान के साथ दिखें। दो साल पहले शाहरुख खान ने बाबा सिद्दिकी की इफ्तार पार्टी में सलमान को गले लगाया था। तभी से इनके बीच बनते रिश्तों के कयास लगाए जा रहे थे। आज हालत यह है कि जब शाहरुख खान से सलमान खान के बीते रिश्तों की बात की जाती है तो वह इस बारे में बात करना भी बोरिंग मानते हैं। उनका कहना है यही हाल आमिर और सलमान का भी है क्योंकि हमारे बीच संबंध कभी खराब थे ही नहीं। सच तो यह है कि ये तीनों खान फिल्म इंडस्ट्री में सफलता के उस शिखर पर है जहां उन्हें अपने प्रमोशन के लिए किसी के सहारे की जरूरत नहीं है। इस बीच अगर उनमें से किसी एक की भी फिल्म किसी दूसरे की फिल्म को क्लेश करती हैं तो इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वे मानते हैं कि फिल्मों की रिलीजिंग डेट तय करना प्रोड्यूसर का काम है। अगले साल ईद पर सलमान खान की फिल्म सुल्तान और शाहरुख खान की फिल्म रईस एक साथ रिलीज हो रही है। इसको लेकर उनके बीच व्यक्तिगत रूप से कोई मन मुटाव या प्रतिस्पर्धा नजर नहीं आती बल्कि वे दोनों एक दूसरे की फिल्म को प्रमोट कर रहे हैं। इसका एक कारण यह भी है कि लगभग पचास साल की उम्र का आंकड़ा पार करने के बाद आज भी हीरो की भूमिका में छाए रहने का दम रखने वाले ये तीनों खान शोबीज की दुनिया में रहते हुए घाटे का सौदा करना समझदारी नहीं मानते। पिछले कुछ सालों के दौरान एक दूसरे से दूर रहते हुए इन सितारों को भी निश्चित रूप से इस दुश्मनी के निगेटिव बिजनेस फैक्टर का अंदाज हो गया होगा। शाहरुख खान आज विशाल बिजनेस एंपायर के मालिक हैं वहीं सलमान खाने के फैंस की संख्या मिलियंस में गिनी जाती हैं। जब शाहरुख खान की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर तीन सौ करोड़ क्लब में शामिल हुई थी तो सलमान खान ने शाहरुख की सफलता पर अपनी खुशी जाहिर की थी और उन्हें बॉलीवुड का किंग कहा था इसी तरह शाहरुख भी सलमान की कई फिल्मों पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दे चूके हैं। दोस्ती के बनते बिगड़ते अनुपात के बीच इन तीनों खान की प्रसिद्धि आज इस हद तक है जहां उनके लिए मर मिटने वाले श्रोताओं, अच्छी फिल्मों और उनके नाम पर मुंहमांगी रकम देने वाले निर्माता-निर्देशकों की कमी नहीं है। ऐसे में अगर इनके आपसी रिश्ते ही मजबूत न हो तो उसका असर इन्हें आदर्श मानने वाले दर्शकों की सोच को प्रभावित करता है। उम्र के पचासवें साल के करीब आते आते सलमान खान को भी यह समझ आ गया है कि दुश्मनों को दोस्त बनाने में जो मजा है वो किसी से ताउम्र दुश्मनी निभाने में नहीं है। तभी तो इन दिनों वे सोशल मीडिया के माध्यम से अपने फैंस को दोस्ती का संदेश दे रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने अपने ट्विट में कहा था जिंदगी के सफर को खूबसूरत बनाओ। ट्विटर वार का हिस्सा बनने से ज्यादा अच्छा है प्यार की खुशबू लोगों में बीच फैलाओ। मैं फिल्म इंडस्ट्री में इसलिए नहीं आया हूं कि देखता रहूं किसके ट्विटर पर कितने फॉलोवर्स हैं और कौन किसे गिरा रहा है। अपनी दरियादिली के लिए मशहूर सलमान खान ने आमिर खान से हमेशा दोस्ती निभाई। 1994 में रिलीज अंदाज अपना अपना में जिस तरह की दोस्ती आमिर और सलमान के बीच परदे पर दिखाई दी थी वही आज भी कायम है। आमिर आज भी उन दिनों को याद करते हैं जब पहली पत्नी रीना से तलाक लेने के बाद उन्हें सलमान ने सिखाया था कि जीवन में कभी कभी परिस्थितियों के अनुसार खुद को बदलना जरूरी होता है। सलमान की यह सीख आज भी मुश्किल घड़ी में उन्हें सहारा देती है। सलमान ने आमिर की फिल्म धूम 3 को प्रमोट किया था जिस पर आमिर ने अपनी खुशी जाहिर की थी। आमिर ने सलमान की जय हो के प्रमोशन में मदद की और अपने दोस्त की तारीफ में यह भी कहा कि वे सितारों के पावर हाउस हैं जो सिर्फ बेल्ट हिला दे या चश्मा ठीक करते रहे तो भी उनकी फिल्म का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोलता है।

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कौन कहता है प्रतिद्विंदी कभी दोस्त नहीं हो सकते। हम तीनों बॉलीवुड के टॉप हीरो हैं लेकिन इससे हमारी दोस्ती पर कोई असर नहीं पड़ता। हम अच्छे दोस्त हैं और रहेंगे।
आमिर खान

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मेरी तरह शाहरुख और आमिर खान को भी नंबर गेम से नफरत है। शाहरुख और आमिर खान मेरे दोस्त है इसलिए भाड़ में गया नंबर एक, दो, तीन। समझे क्या?
सलमान खान
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 'अब मैं और सलमान दोस्त बन गये हैं, इसलिए सबकुछ हम साथ में करेंगे। आप सबके लिए अगले साले रईस और सुल्तान का एक साथ रिलीज होना टकराव है लेकिन हमारे लिए नहीं है। कमाई का टकराव हो सकता है लेकिन हमारे लिए बराबर-बराबर मुनाफा होगा।Ó
शाहरुख खान

लेक्मे फैशन वीक में
बनारस की झलक

लेक्मे फैशन वीक में रितु कुमार बनारस की पारंपरिक कला को अपने डिजाइन में पेश कर रही हैं। इससे पहले भी शाइना एन सी अपने शो के दौरान इस कला को प्रमोट कर चुकी हैं...

लगभग चालीस साल पहले बंगाल के एक छोटे से गांव में फेब्रिक डिजाईन से अपना करियर शुरू करने वाली रितु कुमार का नाम आज चोटी के डिजाइनर्स में गिना जाता है। हिंदुस्तान में बुटीक परंपरा की नींव रखकर एक नयी सभ्यता का उद्घोष तो रितु ने किया ही है। साथ ही भारतीय परिधानों के महत्व को बनाए रखकर उन्होंने अपने हुनर से इसमें नए रंग भरे हैं। उन्होंने भारत की सदाबहार पोशाक साड़ी और लहंगे को विश्व स्तर पर ख्याति दिलाई। इन दिनों रितु कुमार की चर्चा लेक्मे फैशन वीक में उनके द्वारा बनारस की पारंपरिक कला को पहचान दिलाने के लिए हो रही है। सच तो यह है कि बनारस हमारे देश का एक ऐसा पवित्र शहर है जो न सिर्फ अपने धार्मिक महत्व बल्कि पारंपरिक कलाओं को सहेजने के लिए भी जाना जाता है। बनारस के महत्व को हमारे देश की जानी मानी फैशन डिजाइनर रितु कुमार ने बेहतर जाना और यहां के बनुकरों की डिजाइन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस साल संपन्न लेक्मे फैशन वीक में पेश करने का निर्णय लिया। बनारस के कारीगरों को समर्पित है रितु कुमार द्वारा डिजाइन किया गया वाराणसी वेवर्स जिसे वे लेक्मे फैशन वीक विंटर फेस्टिवल 2015 में प्रस्तुत कर रही हैं। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही मुंबई में डाक्टर भाऊ दाजी लाड संग्रहालय में डिजाइनर और पॉलिटिशियन शाइना एन सी ने
अपने कलेक्शन में बनारसी साड़ी को पेश किया था। इनके कलेक्शन को री इंवेंट बनारस नाम दिया गया था। शाइना के इस शो की शान मनीष मल्होत्रा, अबू जानी-संदीप खोसला और कृष्णा मेहता जैसे मशहूर फैशन डिजाइनर थे जिन्होंने इस पारंपरिक कला को दुनिया में पहचान दिलाने का समर्थन भी किया था। लेक्मे फैशन वीक में भारतीय हैंडलूम और टेक्सटाइल्स पर ये डिजाइनर्स 27 अगस्त को अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। एक बार फिर शाइना इस फैशन वीक के लिए भी मुंबई की भाऊ डाजी लाड संग्रहालय में एक खास प्रदर्शनी का आयोजन कर रही हैं जिसमें अनिता डोंगरे, कृष्णा मेहता और वरूण बहल की डिजाइन को दिखाया जाएगा। इस साल के लेक्मे फैशन वीक में रितु कुमार के पारंपरिक परिधानों का आधार पारंपरिक बुनाई है जैसे मेटेलिक ब्रोकेड्स के साथ सिल्क जिस पर सफेद धागे की बुनाई की गई है। बनारस में तैयार होने वाला यह एक ऐसा विशेष फेब्रिक है जो दुनिया में और कहीं नही मिलता। रितु ने अपनी डिजाइन में पारंपरिक एंब्रायडरी और प्रिंटिंग टेक्रीक को चाइनीज और मेटेलिक धागों से रिप्लेस किया है।
बनारस की कला को युवाओं द्वारा पसंद किया जाता है इसलिए ये जरूरी नहीं कि युवाओं के लिए डिजाइन किये जा रहे आउटफिट्स में हम बदलाव करें। ये कहना है रितु कुमार का जो बनारस की तारीफ करती नहीं थकती। भारत के फैशन डिजाइनर्स को हमारे देश की इस अभिन्न कला को आगे लाने की हर संभव कोशिश करना चाहिए ठीक उसी तरह जिस तरह देश के प्रतिष्ठित शो में रितु कुमार कर रही हैं।