बिंदास ब्वॉयज
एक वक्त वो था जब शहर का एक आम लड़का अपनी सीधी-सादी इमेज में रहते हुए उन सारे लड़कों का प्रतिनिधित्व विभिन्न फिल्मों के माध्यम से करता था, जिसे परफेक्ट हीरो मान लिया जाता था। वक्त के साथ जिस तरह से आज के लड़के बदले हैं, वही बदलाव बॉलीवुड के हीरों की इमेज में भी दिखाई देता है। अब वह सीधा सादा और परफेक्ट नहीं, बल्कि अक्खड़, मुंहफट और बिंदास ब्वॉय के रूप में दर्शकों के सामने है। इन दिनों हिट हुई कई फिल्मों ने युवाओं की ऐसी ही इमेज को सबके बीच ला खड़ा किया है....
अगर ये कहा जाए कि एक फिल्म सिर्फ मनोरंजन की वजह से सफल होती है तो सही नहीं होगा क्योंकि फिल्म को मनोरंजन से कहीं ज्यादा इस बात के लिए याद किया जाता है कि सिनेमा हॉल के अंधेरे में कैद न रहकर वह आपकी-हमारी जिंदगी की उन खाली जगहों में दाखिल होती जाती है, जहां हम खुद को झांकते हैं। साथ ही उन सच्चाई और सपनों के बीच हम कुछ सवाल भी मन में जोड़ पाते हैं। इस साल बॉलीवुड में बनने वाली ऐसी ही फिल्मों में से एक है फुकरे।
फुकरे मतलब गुड फॉर नथिंग किस्म के युवा। जेब से कड़के, किसी काम के नहीं, लेकिन ऊंचेसपने। हमेशा जुगाड़ में लगे रहते हैं कि किस तरह से सपने पूरे हों और बुरे काम करने में भी हिचकते नहीं हैं। ऐसे ही चार फुकरों की कहानी में जान डाली है पुलकित सम्राट के किरदार ने।
सरकारी स्कूल में पढऩे वाले दो छात्र हनी (पुलकित सम्राट) और चूचा (वरुण शर्मा) ऊंचे कॉलेज में जाने के सपने देखते हैं ताकि लड़कियों को पटा सकें । एक ही क्लास पास करने में कई साल लगाने वाले इन छात्रों को पता है कि वे इतने नंबर नहीं ला पाएंगे कि उन्हें मनपसंद कॉलेज में एडमिशन मिल सके। गलत रास्तों पर चलते हुए वे जिस परेशानी से गुजरते हैं, उसे ही फकरे में बयां किया गया है। ये कहानी स्ट्रीट स्मार्ट फुकरे लोगों की है, इसलिए संवादों में उसी तरह के शब्दों को शामिल किया है, जैसी वे भाषा बोलते हैं। ंै
युवाओं के दिल की कहानी बताने में इस साल काई पो छे ने सफलता का परचम लहराया। फिल्म काई पो छे में सुशांत सिंह राजपूत ने ईशान के किरदार को पूरी ईमानदारी से निभाया है। ईशान पर क्रिकेट का जुनून सवार है। वह स्वभाव से आक्रामक है और क्रिकेट के प्रति अपनी दीवानगी के चलते वह कोई भी चुनौती लेने को तैयार रहता है। ऊपर से वह गुस्सैल और असंवेदनशील लगता है लेकिन अंदर से नर्म दिल है। फिल्म में ईशान का किरदार मौजूदा सिस्टम के प्रति नाराजगी जाहिर करता है।
फिल्म आशिकी 2 में आदित्य राय कपूर ने नशे में डूबे गायक और प्रेमी की भूमिका को पूरी तरह जिया है। फिल्म में आरोही शिरके एक बड़ी गायिका बनना चाहती है और उसकी मुलाकात जाने-माने गायक राहुल जयकर से होती है। राहुल उसकी आवाज को सुनकर उसके कैरियर को एक मुकाम दिलाने में जुट जाता है लेकिन इस सारे चक्कर में उसका कैरियर अपने हाथ से फिसलने लगता है। राहुल शराब और हताशा के सागर में गुम हो जाता है। वह गुस्सैल, अपनी प्रेमिका की सफलता से जलने वाला, मर्जी का मालिक और अपने आसपास के लोगों से लड़ाई झगड़ा करने से न घबराने वाला है। आशिकी 2 ने आदित्य रॉय कपूर की बॉलीवुड में राह बदलने का काम बखूबी किया है। फिल्म ने चार दिन में 24.75 करोड़ रुपए का कारोबार किया। इन दिनों आम चेहरे वाले लड़के हीरो की भूमिका में खरे उतरते नजर आ रहे हैं। रांझणा फिल्म के नायक कुंदन के रूप में धनुष की दो चीजों के लिए दीवानगी देखते ही बनती है। पहला जोया जिससे वह बहुत प्यार करता है और दूसरा उसका शहर बनारस। छोटे शहरों में बसने वाले आम प्रेमी की कहानी रांझणा दर्शकों के दिलों में जगह बनाने में पूरी तरह सफल रही। उसका एकतरफा प्यार एक बार फिर शाहरुख खान की फिल्म डर या अंजाम की याद दिलाता है। इरोस इंटरनेशनल की फिल्म इस फिल्म से कंपनी को पहले वीकेंड पर 31.5 करोड़ की कमाई हुई। इस साल की सुपर हिट फिल्म ये जवानी है दीवानी उन सारे युवाओं को खासा प्रभावित कर गई जो लाइफ इज एक पार्टी में यकीन करते हैं। फिल्म में नैना 'दीपिका पादुकोणÓ, बनी 'रणबीर कपूरÓ, अवि 'आदित्य रॉय कपूरÓ और अदिति 'कल्कि कोचलिनÓ चारों दोस्त हैं। सभी कॉलेज से पासआउट हुए हंसमुख समूह हैैं जो कि अपनी लाइफ हंसते-हंसते जीना चाहते हैं।
इनकी सोच तेजी से बदलती भावनाओं को बिल्कुल सही तरीके से पेश करती है। जो बताती है कि दोस्ती, प्यार और रिश्ते एक दूसरे को जोड़े रखते हैं। बनी मस्त जीवन जीने में विश्वास करता है जिसे तेज रफ्तार से जीना पसंद है और वो कहीं ठहरना नहीं चाहता। बनी का कमिटमेंट फोबिया उसे आज के युवाओं से जोड़ता है। नैना एक साधारण प्यार को सपनों की तरह जीने वाली पढऩे में तेज लड़की है। वहीं अवि और अदिति एक ऐसे अहसास के साथ जी रहे हैं जो आधुनिक समाज में समलैंगिकता को स्वीकार करने की छूट देता है। आम युवाओं को यह कहानी कहीं न कहीं अपने ही जीवन से जुड़ी हुई नजर आती है और फिल्म की यही बात इसे ब्लॉकबस्टर बनाने में सफल रही है।
एक वक्त वो था जब शहर का एक आम लड़का अपनी सीधी-सादी इमेज में रहते हुए उन सारे लड़कों का प्रतिनिधित्व विभिन्न फिल्मों के माध्यम से करता था, जिसे परफेक्ट हीरो मान लिया जाता था। वक्त के साथ जिस तरह से आज के लड़के बदले हैं, वही बदलाव बॉलीवुड के हीरों की इमेज में भी दिखाई देता है। अब वह सीधा सादा और परफेक्ट नहीं, बल्कि अक्खड़, मुंहफट और बिंदास ब्वॉय के रूप में दर्शकों के सामने है। इन दिनों हिट हुई कई फिल्मों ने युवाओं की ऐसी ही इमेज को सबके बीच ला खड़ा किया है....
अगर ये कहा जाए कि एक फिल्म सिर्फ मनोरंजन की वजह से सफल होती है तो सही नहीं होगा क्योंकि फिल्म को मनोरंजन से कहीं ज्यादा इस बात के लिए याद किया जाता है कि सिनेमा हॉल के अंधेरे में कैद न रहकर वह आपकी-हमारी जिंदगी की उन खाली जगहों में दाखिल होती जाती है, जहां हम खुद को झांकते हैं। साथ ही उन सच्चाई और सपनों के बीच हम कुछ सवाल भी मन में जोड़ पाते हैं। इस साल बॉलीवुड में बनने वाली ऐसी ही फिल्मों में से एक है फुकरे।
फुकरे मतलब गुड फॉर नथिंग किस्म के युवा। जेब से कड़के, किसी काम के नहीं, लेकिन ऊंचेसपने। हमेशा जुगाड़ में लगे रहते हैं कि किस तरह से सपने पूरे हों और बुरे काम करने में भी हिचकते नहीं हैं। ऐसे ही चार फुकरों की कहानी में जान डाली है पुलकित सम्राट के किरदार ने।
सरकारी स्कूल में पढऩे वाले दो छात्र हनी (पुलकित सम्राट) और चूचा (वरुण शर्मा) ऊंचे कॉलेज में जाने के सपने देखते हैं ताकि लड़कियों को पटा सकें । एक ही क्लास पास करने में कई साल लगाने वाले इन छात्रों को पता है कि वे इतने नंबर नहीं ला पाएंगे कि उन्हें मनपसंद कॉलेज में एडमिशन मिल सके। गलत रास्तों पर चलते हुए वे जिस परेशानी से गुजरते हैं, उसे ही फकरे में बयां किया गया है। ये कहानी स्ट्रीट स्मार्ट फुकरे लोगों की है, इसलिए संवादों में उसी तरह के शब्दों को शामिल किया है, जैसी वे भाषा बोलते हैं। ंै
युवाओं के दिल की कहानी बताने में इस साल काई पो छे ने सफलता का परचम लहराया। फिल्म काई पो छे में सुशांत सिंह राजपूत ने ईशान के किरदार को पूरी ईमानदारी से निभाया है। ईशान पर क्रिकेट का जुनून सवार है। वह स्वभाव से आक्रामक है और क्रिकेट के प्रति अपनी दीवानगी के चलते वह कोई भी चुनौती लेने को तैयार रहता है। ऊपर से वह गुस्सैल और असंवेदनशील लगता है लेकिन अंदर से नर्म दिल है। फिल्म में ईशान का किरदार मौजूदा सिस्टम के प्रति नाराजगी जाहिर करता है।
फिल्म आशिकी 2 में आदित्य राय कपूर ने नशे में डूबे गायक और प्रेमी की भूमिका को पूरी तरह जिया है। फिल्म में आरोही शिरके एक बड़ी गायिका बनना चाहती है और उसकी मुलाकात जाने-माने गायक राहुल जयकर से होती है। राहुल उसकी आवाज को सुनकर उसके कैरियर को एक मुकाम दिलाने में जुट जाता है लेकिन इस सारे चक्कर में उसका कैरियर अपने हाथ से फिसलने लगता है। राहुल शराब और हताशा के सागर में गुम हो जाता है। वह गुस्सैल, अपनी प्रेमिका की सफलता से जलने वाला, मर्जी का मालिक और अपने आसपास के लोगों से लड़ाई झगड़ा करने से न घबराने वाला है। आशिकी 2 ने आदित्य रॉय कपूर की बॉलीवुड में राह बदलने का काम बखूबी किया है। फिल्म ने चार दिन में 24.75 करोड़ रुपए का कारोबार किया। इन दिनों आम चेहरे वाले लड़के हीरो की भूमिका में खरे उतरते नजर आ रहे हैं। रांझणा फिल्म के नायक कुंदन के रूप में धनुष की दो चीजों के लिए दीवानगी देखते ही बनती है। पहला जोया जिससे वह बहुत प्यार करता है और दूसरा उसका शहर बनारस। छोटे शहरों में बसने वाले आम प्रेमी की कहानी रांझणा दर्शकों के दिलों में जगह बनाने में पूरी तरह सफल रही। उसका एकतरफा प्यार एक बार फिर शाहरुख खान की फिल्म डर या अंजाम की याद दिलाता है। इरोस इंटरनेशनल की फिल्म इस फिल्म से कंपनी को पहले वीकेंड पर 31.5 करोड़ की कमाई हुई। इस साल की सुपर हिट फिल्म ये जवानी है दीवानी उन सारे युवाओं को खासा प्रभावित कर गई जो लाइफ इज एक पार्टी में यकीन करते हैं। फिल्म में नैना 'दीपिका पादुकोणÓ, बनी 'रणबीर कपूरÓ, अवि 'आदित्य रॉय कपूरÓ और अदिति 'कल्कि कोचलिनÓ चारों दोस्त हैं। सभी कॉलेज से पासआउट हुए हंसमुख समूह हैैं जो कि अपनी लाइफ हंसते-हंसते जीना चाहते हैं।
इनकी सोच तेजी से बदलती भावनाओं को बिल्कुल सही तरीके से पेश करती है। जो बताती है कि दोस्ती, प्यार और रिश्ते एक दूसरे को जोड़े रखते हैं। बनी मस्त जीवन जीने में विश्वास करता है जिसे तेज रफ्तार से जीना पसंद है और वो कहीं ठहरना नहीं चाहता। बनी का कमिटमेंट फोबिया उसे आज के युवाओं से जोड़ता है। नैना एक साधारण प्यार को सपनों की तरह जीने वाली पढऩे में तेज लड़की है। वहीं अवि और अदिति एक ऐसे अहसास के साथ जी रहे हैं जो आधुनिक समाज में समलैंगिकता को स्वीकार करने की छूट देता है। आम युवाओं को यह कहानी कहीं न कहीं अपने ही जीवन से जुड़ी हुई नजर आती है और फिल्म की यही बात इसे ब्लॉकबस्टर बनाने में सफल रही है।
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