जोशीले जीनियस
ऐसे कई लोग हैं, जिनमें योग्यता की कमी नहीं है। साथ ही ऐसे लोगों की संख्या भी अधिक है, जिन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद भी अन्य प्रोफेशन में ऊंचा नाम हासिल किया। अपना शौक पूरा करने की धुन उन्हें इस मुकाम पर ले आई, जहां आज उनकी डिग्री के बारे में कोई बात भी नहीं करता।
सपने वे नहीं होते, जो आपको रात में सोते समय नींद में आएं। बल्कि सपने वे होते हैं, जो रात में सोने न दें। ऐसी बुलंद सोच रखने वाले मिसाइल मैन, पद्मभूषण, पद्मविभूषण और भारत रत्न से सम्मानित एपीजे अब्दुल कलाम ने जब देश के सर्वोच्च पद यानी 11वें राष्ट्रपति की शपथ ली तो हर वैज्ञानिक का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। मिसाइल मैन के नाम से जाने जाने वाले कलाम भारतीय मिसाइल प्रोग्राम के जनक कहे जाते हैं। एयरोनॉटिकल इंजीनियर कलाम अपनी पांचवीं कक्षा के अध्यापक सुब्रह्मण्यम अय्यर से प्रभावित थे।
राजनैतिक अखाड़े में चाणक्य कहे जाने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना से अभियांत्रिकी में स्नातक की डिग्री ली। अन्य राजनीतिक पार्टियां जहां जातपांत की रोटी सेंकने में व्यस्त रहीं, वहीं सोशल इंजीनियरिंग के जादूगर नीतीश कुमार के राजनैतिक दांवपेंच किसी से छिपे हुए नहीं हैं।
सुपरमॉडल सिंडी क्राफोर्ड को मॉडलिंग की दुनिया इतनी रास आई, जिसके चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई से किनारा कर लिया। सिंडी ने नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में एडमीशन लिया। कॉलेज में उन्होंने कुछ सेमेस्टर भी अटैंड किए, लेकिन मॉडलिंग के लिए अवसर मिलते ही उन्होंने इंजीनिरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़ दी और माडलिंग जगत में अपनी वो पहचान बनाई, जिसके चलते उम्र के पचास साल पूरे होने के बाद भी वे सुपर मॉडल के तौर पर छाई हुई हैं। इन हस्तियों ने पढ़ाई के शुरुआती दिनों में कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन अपनी डिग्री से अलग वे देश-दुनिया में शोहरत हासिल करेंगे। चेतन भगत ने 1991-95 में मैकेनिकल इंजीनिरिंग की डिग्री दिल्ली से ली थी। कौन जानता था कि इस क्षेत्र से अलग चेतन एक लेखक के रूप में सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के युवाओं के प्रेरणास्रोत साबित होंगे। उनके उपन्यास द थ्री मिस्टेक्स ऑफ माय लाइफ और फाइव पॉइंट समवन से वे दुनिया में छा गए। आज हालत यह है कि बाजार में आने से पहले ही उनकी नई किताब का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इन दिनों यही उत्सुकता उनकी दो महीने बाद प्रकाशित होने वाली किताब हाफ गर्लफें्रड को लेकर बनी हुई है।
चर्चित टीवी धारावाहिक 'पवित्र रिश्ताÓ में मानव के किरदार ने सुशांत राजपूत को हर घर में लोकप्रियता दिलाई, लेकिन उन्होंने छोटे पर्दे को अलविदा कह अभिषेक कपूर की फिल्म से बॉलीवुड में पदार्पण किया। अभिनय का चस्का सुशांत पर इतना हावी था, जिसके चलते उन्होंने अपने शानदार कॅरियर को छोड़ दिया। सुशांत ने आल इंडिया इंजीनियरिंग इंट्रेंस एक्जाम में सातवीं रैंक हासिल की और दिल्ली के कॉलेज में एडमीशन लिया। फिजिक्स में वे नेशनल ओलंपियाड विनर रहे हैं। सुशांत ने 11 नेशनल इंजीनियरिंग एक्जाम क्लीयर किए, जिसमें धनबाद का नेशनल माइंस भी शामिल है। लेकिन एक हीरो के रूप में छा जाने की धुन के चलते उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। खुद सुशांत के शब्दों में फिल्मों में आने की मेरी पहले से कोई योजना नहीं थी और न ही मैं यहां पैसा या फिर लोकप्रियता के लिए आया हूं। मुझे स्टारडम समझ नहीं आता और न ही मैं स्टार बनना चाहता हूं। हां, मैं नंबर एक अभिनेता जरूर बनना चाहता हूं। मेरा मकसद हमेशा खुद को एक अभिनेता के तौर पर उभारना है। सुशांत खुद भी मानते हैं कि उनके जीवन का ये बहुत ही रोमांचक दौर है। पिछले कुछ सालों से राजनैतिक गलियारों में चर्चित अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी खडग़पुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और वे 1992 में भारतीय राजस्व सेवा में शामिल हुए। 2006 में जब वे आयकर विभाग में संयुक्त आयुक्त थे, तब उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी। केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सूचना का अधिकार देने का कानून बनवाया। वे एक एनजीओ (साथी) से भी जुड़े हुए हैं। केजरीवाल ने पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन नाम का एक गैर-सरकारी संगठन भी बनाया है। उन्होंने जन लोकपाल बिल के लिए अन्ना हजारे के साथ मिलकर अनशन किया और धरनों, प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। नवंबर, 2012 में उन्होंने आम आदमी पार्टी की शुरुआत की, जो आज भी राजनीति में सक्रिय है।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। अखिलेश ने इंजीनियरिंग करने के बाद मैसूर यूनिवर्सिटी से एन्वॉयरमेंट इंजीनियरिंग की मास्टर्स डिग्री ली। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी से भी इसी विषय में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की है।
इंजीनियर्स ने अपने हुनर खेल के मैदान में भी बखूबी दिखाए। भारत की ओर से पांच सौ विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी अनिल कुंबले ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इंजीनियर्स की फेहरिस्त में श्रीसंत भी शामिल हैं। आखिरी ओवरों में पसीने से तर-बतर गेंदों पर नियंत्रण करने की कोशिश करने वाले श्रीसंत सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। ये वही श्रीसंत हैं, जो आखिरी मौके तक दम लगा देने वाले खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते हैं।